ब्लाग जगत पर इन दिनों मीडिया दूत नाम का एक प्राणी विचरण कर रहा है...इन्होने मीडिया की कुछ कड़वी सच्चाइयां उजागर करने की ठानी है( ये कैसे खुलासे है ये बात समझ से परे है) या तो इन्होने मीडिया में क़दम अभी अभी धरा है या फिर ये कुछ कारणों की बजह से कुंठाग्रस्त हो गये है मीडिया में तमाम बुराइयां है ये सच्चाइ है लेकिन कौन सा पेशा पाक साफ है ये मैं उनसे पुछना चांहुगा...कुछ लोग गिलास को आधा भरा बताते है कुछ लोग आधा खाली....ये अपना अपना नज़रिया है मीडिया दूत को शायद सारे गिलास खाली ही नज़र आते है मीडिया मेंshoshaण की बात से मैं इंकार नही करता लेकिन सिस्टम को पानी पी पी कर कोसने से कुछ नही होता या तो सिस्टम में रह कर आप उसे दुरुस्त करें या फिर छोड़ दे अपने हाल पर ...या फिर एक क़िताब छपवा ले और उसमे अपने तथाकथित खुलासे प्रकाशित करें लेकिन उसे खुद ही पढ़ें ...न्यूज़रुंम के तमाशे कोइ आज की बात नही है ये लम्बे अर्से से हो रहा है...लेकिन शायद दूत के लिए ये सब नया नया है॥ इसलिए वो ज्यादा परेशान है मेरी दूत से कोइ लड़ाइ नही है लेकिन वैचारिक मतभेध है ये खुलासे शायद कुछ नए लोगों को विचलित करने के अलावा कुछ नही कर सकते अगर ये सस्ती लोकप्रियता बटोरने का सटंट है तो आगे बड़ते रहें॥ हम गंदी नाली से बदबू आने की बात करते है लेकिन उसे साफ करने की हिम्मत नही करते बल्कि दूसरों को भी उसके पास से गुज़रने से मना करते है॥की कोइ और भी उसकी सफाइ न करे ...मेरी मीडियीदूत से विनती है की वो माडिया मे आने का सोच रहे लोगो क विचलित न करें॥ न ही इसमे काम करने वालों को वो सच्चाइया बतायें जो उन के रोजमर्रा का बात है हां कुछ सार्थक करना चाहते है तो उनका स्वागत है... शायद ये वैचारिक लड़ाइ आगे भी चले...
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 years ago