आतंकी एक बार अपने नापाक मंसूबों मे कामयाब हो गये सरकारें देखती रही सुरक्षा व्यवस्था मे एक बार फिर सेंध लगा दी गयी और फिर कई जाने चली गयी
लेकिन किसी भी नेता की और से एक बार भी ऐसा बयान नही आया जो इस और इशारा करता हो की बस अब बहुत हो अब इन इन्सनयित के दुश्मनो को
नही बक्शा जाएगा अब इनके खिलाफ और ढीला रवेया अख्तियार नही किया जाएगा ये बहुत अफ़सोस की बात है आखिर हमारी सहनशीलता को हमारी कमज़ोरी कब तक समझा जाएगा क्या सौ करोड़ की आबादी वाला हमारा देश इतना भी सक्षम नही है की इन
आतंकियो को मूहतोड़ जवाब ना दे सके बिल्कुल दे सकता है भला चन्द नापाक इरादे वालों की क्या मज़ाल की वो हमारी अखंडता को निशाना बनाए हमारे
सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करे वो बिल्कुल नही कर सकते लेकिन हमारी सरकारें उनके होसलो को बुलंदी देने का काम ज़रूर कर रही है क्या हमारी सरकारे
इन आतंकियों के मंसूबो से नावाकिफ़ है क्या वो नही जानती की इन्हे शह कहा से मिल रही है
क्या हमारे ख़ुफ़िया तंत्र फेल हो चुका है. सबको सब पता है कि इन सबके पिछे कौन है बस ज़रूरत है तो इच्छा शक्ति की इनके खिलाफ सख़्त कार्यवाही की
और ये वक़्त इनके रहनुमाओ के साथ दोस्ती का नही है बल्कि उन्हे सख़्त लफ़ज़ो मे हिदायत दे दी जानी चाहिए की बस अब बहुत हो गया इन्हे सरंक्षण
देना बंद करे वरना अगर हमारा खून खौला तो फिर इन्हे सरंक्षण देने वाला भी कोई नही रहेगा
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 years ago